द गर्ल इन रूम 105
अध्याय 23.
'हम हूबहू ऐसी बनवाकर दे सकते हैं, कोई समस्या नहीं। और हां, हम निजाम भाई को जानते हैं। उनके शिकारे से यहां बहुत सारे कस्टमर्स आते हैं।"
"हां, उन्हीं ने हमें यहां भेजा है। वैसे, मैं जानता हूं कि आप ऐसी झुमकियां बना सकते हैं, लेकिन क्या आप ही ने ये झुमकियां भी बनाई थीं?" मैंने कहा।
हम सैयद हमीरपुरा में अख़ून ज्वेलर्स के यहां आए थे। सुबह से यह हमारी चौथी दुकान थी। "सर, हम इससे भी अच्छी बना देंगे। ये आपने कितने में ली थीं?" यानी आपने ये वाली नहीं बनाई हैं, राइट?' सौरभ ने कहा और आगे बढ़ने लगा।
‘रुकिए, सर,' उसने कहा। उसने दुकान में काम करने वाले एक लड़के को इशारा किया। वह तुरंत ही हमारे
लिए दो कप कहवा और एक प्लेट भरकर खजूर ले आया। 'हमारे मेहमान बन जाइए, जनाब खरीदना बरीदना तो होता रहेगा,' दुकानदार ने कहा। * क्या आप बता सकते हैं कि ये झुमकियां श्रीनगर में ही बनी हैं?"
दुकानदार ने ईयररिंग्स को हाथ में लेकर नज़दीक से उनका मुआयना किया।
"बिलकुल ये जहां भी बनी हैं, कारीगर कश्मीरी ही है। डिज़ाइन देखकर ही बता सकता हूँ।"
सफेद कुर्ता और टोपी पहने एक बुजुर्ग व्यक्ति, जो शायद इस दुकान के मालिक थे, कोने में अपनी कुर्सी से उठे और हमारे पास चले आए। 'मुझे दिखाओ.' उन्होंने कहा। फिर उन्होंने अपनी जेब से एक मैग्रीफाइंग ग्लास निकाला और बहुत गौर से
झुमकियों को देखा।
'नहीं, ये हमारी दुकान का माल नहीं है, लेकिन है इसी एरिया का मैं जानता हूं कि कौन से कारीगर ऐसी
डिज़ाइन बनाते हैं.' उन्होंने कहा 'शुक्रिया, मैंने कहा।
"हमें एक मौका दीजिए, हम इससे अच्छी बना देंगे, ' उन्होंने कहा "इसकी बीवी चाहती थी कि हम उसी कारीगर से यह बनवाएं.' मैंने सौरभ की ओर इशारा करते हुए कहा। सौरभ मुस्करा दिया।
"ओह, जैसी आपकी मर्जी, दुकानदार ने मायूसी भरे लहजे में कहा।
'अंकल, क्या आप यह पता करने में हमारी मदद कर सकते हैं कि इन्हें किसने बनाया है?" मैंने कहा।
यह बहुत महंगा है तो किसी बड़ी ज्वेलरी शॉप ने ही बनाया होगा। फिर उन्होंने अपनी दुकान के सेल्सपर्सन की ओर मुड़ते हुए कहा, 'क्या इसमें कोई शॉप मार्क है? मुझे मेरा माइक्रोस्कोप देना।"
सेल्सपर्सन दुकान के अंदर चला गया।
इस तरह की झुमकियों की कितनी कीमत होती होगी?" मैंने पूछा। "तीन या शायद चार लाख रुपए,' दुकानदार ने कहा 'वैसे मेरा नाम हाफ़िज़ है।"
हमने हाथ मिलाया।
सेल्सपर्सन एक कंपाउंड माइक्रोस्कोप लेकर लौटा। हाफ़िज़ ने एक ईयररिंग माइक्रोस्कोप के नीचे रखी और
ईयररिंग को ऊपर-नीचे घुमाते हुए व्यूफ़ाइडर में देखने लगे। उन्होंने सिर हिलाया।
'दूसरी वाली देना' हाफिज ने कहा ।
सेल्सपर्सन ने दूसरी ईयररिंग लेंस के नीचे लगा दी। ★ ऐसे महंगे जेवरों पर बहुत सारे ज्वेलर्स अपना कोई मार्क या अपने इनिशियल्स लिख देते हैं, हाफ़िज़ ने